Wednesday, August 31, 2011

good thouight of life

Dear friends:

Here are some Good Thoughts for all of us.

1.Don’t hurt anyone- It takes only a few seconds to hurt people you love, and it can take years to heal.

2.Live today-There are two eternities that can break you down. Yesterday and tomorrow. One is gone and the other does n’t exist. So live today.

3.Value - What is most vulnerable is not, What you have in your life but who you have in your life.

4. Money- Money can buy every thing but happiness.

5. Marriage- Do not marry a person that you know that you can live with; only marry someone that you can not live without.

6.Trust- It takes years to build trust, and a few seconds to destroy it.

Thanks
Bhanu Pandey

Monday, August 29, 2011

Albert Einstein Funny Quotes


1. The only thing that interferes with my learning is my education.

2. As far as the laws of mathematics refer to reality, they are not certain; as far as they are certain, they do not refer to reality.

3. Common sense is the collection of prejudices acquired by age eighteen.

4. The release of atomic energy has not created a new problem. It has merely made more urgent the necessity of solving an existing one.

5. If you are out to describe the truth, leave elegance to the tailor.

6. I know not with what weapons World War III will be fought, but World War IV will be fought with sticks and stones.


ये हरामी काले अंग्रेज कोंग्रेस्सी कुत्ते हमेशा अंग्रेजी में क्यों भोंकते हैं इसके पीछे बहुत सारे कारन हैं ! १. भारत की झूठी आज़ादी पर नेहरुद्दीन ने भारत को अंग्रेजी का गुलाम बनाया, अपना पहला भाषण इंग्लिश में बोल कर और एक भारत के देशभक्त प्रधानमंत्री थे जो अमेरिका में भी अपना भाषण हिंदी में दे कर आये थे में प्रणाम करता हूँ ऐसे देशभक्तों को मान निय अटल बिहारी वाजपई साब को ! २. ये सब भारत को एक दरिद्र देश बना कर अपनी भों भों चालू रखना चाहते हैं जिससे की गरीब और अनपढ़ लोगों को कुछ समझ न आये और लोगों को लगे की ये तो बहुत ही अछि अंग्रेजी बोलत हैं ! ३. आज कोंग्रेस आतंकवादियों से बड़ा खतरा बन चुकी है भारत और भारत के भोले भाले लोगों के लिए और विदेशों में जमा काला धन भी इन्ही का है. ४. आज ये काले अंग्रेज कभी अन्ना जी की जाँच करते हैं कभी स्वामी रामदेव जी की पर अपनी जाँच क्यों नहीं करवाते आप सभी ने पिछले दिनों सुना होगा की राजीव गन्दी ट्रस्ट ने हरयाणा के किस्सनो की जमीन का अध्ग्रहण कर लिया पर राहुल गन्दी के पास समय है भत्ता पारसोल जाने का और उनके घर खाना खाने का पर इन गरीबों की कौन सुनेगा जिनकी जमीन का अधिग्रहण गन्दी खंडन खुद कर रहा हैं और हरयाणा सरकार खान्ग्रेस्सी खुद कर रहे हैं ! ५. बात आई की ये काले अंग्रेज , इंग्लिश में क्यों भोकते हैं , क्योंकि ये भारत की संस्कृति को ख़तम करना चाहते हैं आप के सामने एक फोटो दाल रहा हूँ आगे आप समझ जायेंगे ! और कुछ जानकारी इस देशद्रोही परिवार के ट्रस्टों की जिसकी जल्दी से जल्द जाँच होनी चाहिए ! कांग्रेस की स्थापना एक विदेशी ए.ओ.ह्यूम ने की थी। वह 1857 में इटावा का कलेक्टर था और जान बचाने के लिए बुरका पहन कर भागा था। ऐसा ही जवाहर लाल नेहरू के दादा जी के बारे में सुनते हैं। वे भी उन दिनों दिल्ली कोतवाली में तैनात थे और मेरठ से क्रांतिवीरों के आने की बात सुनकर कोतवाली छोड़ भागे थे। संकट में ऐसी पलायनवादी समानता दुर्लभ है। इसीलिए नेहरू खानदान आज तक कांग्रेस का पर्याय बना है। मैडम जी भी इस परम्परा की सच्ची वारिस हैं। कहते हैं कि 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय वे सपरिवार इटली चली गयी थीं तथा 1977 के चुनाव में इंदिरा गांधी के हारने पर इटली के दूतावास में जा छिपी थीं। किसी ने ठीक ही लिखा है – हम बने, तुम बने, इक दूजे के लिए। उनका शुभचिंतक होने के नाते मैं कुछ सुझाव दे रहा हूं। कृपया इन पर भी विचार करें। -कांग्रेस का अध्यक्ष पद सदा नेहरू परिवार के लिए आरक्षित हो। इससे शीर्ष पद पर कभी मारामारी नहीं होगी। राजनीति में झगड़ा शीर्ष पद के लिए ही होता है। वैसे तो छोटे-मोटे अपवाद के साथ पिछले 50 साल से यही हो रहा है; पर संवैधानिक दर्जा मिलने से झंझट नहीं रहेगा। जिसे भी दौड़ना है, वह नंबर दो या तीन के लिए दौड़े। और दौड़ना भी क्यों, जिसे अध्यक्ष जी कह दें, पदक उसके गले में डाल दिया जाए। -यही नियम प्रधानमंत्री पद के लिए भी हो। यदि कोई व्यवधान आ जाए, जैसे विदेशी नागरिक होने से सोनिया जी प्रधानमंत्री नहीं बन सकीं, तो जनाधारहीन ‘खड़ाऊं प्रधानमंत्री’ मनोनीत करने का अधिकार इस ‘सुपर परिवार’ के पास हो। -इस परिवार के लोग विवाद से बचने हेतु कभी साक्षात्कार नहीं देंगे तथा सदा लिखित भाषण ही पढ़ेंगे। एक पद, एक व्यक्ति का नियम इनके अतिरिक्त बाकी सब पर लागू होगा। इनके समर्थ युवा कंधे चित्रकारों के सामने कई मिनट तक प्लास्टिक का खाली तसला उठा सकते हैं, तो चार-छह पद क्या चीज हैं ? -कांग्रेसजन आपस में चाहे जितना लड़ें; पर इस परिवार पर कोई टिप्पणी नहीं करेगें। हां, कोई भी आरोप संजय, नरसिंहराव या सीताराम केसरी जैसे दिवंगत लोगों के माथे मढ़ सकते हैं। -इससे भी अच्छा यह है कि कांग्रेस में संविधान ही न हो। मैडम या राहुल बाबा जो कहें, सिर झुकाकर सब उसे मान लें। -जैसे अधिकांश सरकारी योजनाएं इस परिवार के नाम पर है, वैसे ही हर वैध-अवैध बस्ती इनके नाम पर ही हो। -इन विनम्र सुझावों को कांग्रेसजन अपनी जड़ों में मट्ठा समझ कर स्वीकार करें। एक विदेशी द्वारा स्थापित संस्था का क्रियाकर्म एक विदेशी के द्वारा ही हो, यह देखने का सौभाग्य हमें मिले, इससे बड़ी बात क्या होगी ? A 2 Z Corrupt Current Government Remove this Corrupt System (corrupt system ko correct karne ka samay aa gaya hai ) by Rameshwar Arya on Monday, June 6, 2011 at 11:00pm आपके समक्ष घोटाला वर्णमाला प्रस्तुत कर रहा हूँ.. आशा है की आपको पसंद आयेगी,, और उम्मीद करता हूँ की आप इससे अपनें बच्चों को बचानें का पूरा प्रयास करेंगे… “ए” से आदर्श सोसायटी घोटाला, “बी” से बोफोर्स घोटाला, “सी” से चारा घोटाला, “डी” से डी डी ए/ दिनेश डालमिया स्टॉक घोटाला, “इ” से एनरोन घोटाला, “ऍफ़” से फर्जी पासपोर्ट घोटाला, “ग(जी)” से गुलाबी चना घोटाला, “एच” से हथियार/ हवाला/हसन अली खान टेक्स घोटाला. बस.. बस… नहीं बोलिये भाईसाहब. आज तो मै पूरी ए, बी,सी, डी.. सुनाके ही रहूँगा. ठीक है… “आई” से आई पी एल घोटाला, “जे” से जगुआर/ जीप घोटाला, “के” से कॉमन वेअल्थ गेम्स /केतन पारीख सिक्यूरिटी घोटाला , “एल” से लोटरी / एल आई सी घोटाला, “एम्” से मनरेगा/ मधु कोड़ा माइन घोटाला, “एन” से नागरवाला घोटाला, “ओ” से आयल/ ओरिसा माइन घोटाला, “पी” से पनडुब्बी/ पंजाब सिटी सेण्टर घोटाला, “क्यू” से कोटा परमिट घोटाला, “आर” से राशन/ राईस एक्सपोर्ट घोटाला, “एस” सत्यम/शेयर/सागौन प्लान्टेशन घोटाला, “टी” से तेलगी/टेलिकॉम/ टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला, “यू” से यूरिया/ यू टी आए. घोटाला, “वी” से वीसा (कबूतरबाज़ी) घोटाला, “डब्लू” वेपन/ व्हीट घोटाला, “एक्स ” एक्सेस बैंक घोटाला, “वाय” से यार्न घोटाला, “जेड” से ज़मीन घोटाला

by Amendra Pandey